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मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल रूप से किया ‘सशक्त बहना उत्सव योजना’ का शुभारंभ, चंपावत में महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रदर्शनी का किया उद्घाटन    

 

मुख्यमंत्री धामी ने वर्चुअल रूप से किया ‘सशक्त बहना उत्सव योजना’ का शुभारंभ, चंपावत में महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

 

 

“आज की नारी केवल घर की सीमा तक सीमित नहीं, बल्कि गांव, समाज और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने वाली शक्ति बन चुकी है।” यह माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना के वर्चुअल शुभारंभ के अवसर पर व्यक्त किए।

जनपद चंपावत में इस योजना के अंतर्गत सोमवार को जिला मुख्यालय के रोडवेज बस स्टेशन परिसर में महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों की प्रदर्शनी एवं बिक्री हेतु स्टॉल लगाए गए। इनका वर्चुअल उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा किया गया, जिसमें उन्होंने जनपद चंपावत समेत राज्य भर की महिलाओं की भूमिका की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने सभी माताओं-बहनों को आगामी रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “नारी शक्ति के सहयोग के बिना कोई भी समाज या राज्य प्रगति नहीं कर सकता। स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अपने श्रम, परिश्रम और समर्पण से समाज में आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन की वाहक बन रही हैं।”

*चंपावत की “माँ पूर्णागिरी” समूह से मुख्यमंत्री का संवाद*

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने “माँ पूर्णागिरी स्वयं सहायता समूह” की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी जोशी से संवाद कर उनके प्रयासों की सराहना की। श्रीमती जोशी ने बताया कि समूह द्वारा पीरूल (चीड़ की पत्तियों) से तैयार की गई राखियों को न केवल स्थानीय बाजार में पसंद किया जा रहा है, बल्कि एसएसबी और आईटीबीपी जैसी सुरक्षा एजेंसियों से भी इनकी मांग मिल रही है।

इसके अतिरिक्त समूह के अन्य उत्पादों जैसे – आम कैंडी, आंवला कैंडी, मसाले, पनीर, छाछ, ऐपण कला की राखियाँ, व्हाइट हनी, तेजपात और अन्य स्थानीय कृषि उत्पादों की भी बाज़ार में अच्छी मांग है। उन्होंने बताया कि समूह की प्रत्येक सदस्य मासिक रूप से ₹7000 से ₹8000 तक की आय अर्जित कर रही हैं, जिससे उनके जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया है।

*हस्तशिल्प, परंपरा और नवाचार का अद्भुत संगम*

इस आयोजन में लगाए गए स्टॉलों पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की भरपूर विविधता देखने को मिली। इन स्टॉलों में पीरूल की हस्तनिर्मित राखियाँ, ऐपण कला से सजे उपहार, मसाले, अचार, आंवला और आम की कैंडी, स्थानीय सब्जियाँ, फल, दालें, ऊनी वस्त्र, पारंपरिक टोकरियाँ व अन्य घरेलू उपयोगी वस्तुएँ प्रदर्शित की गईं।

ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि “सशक्त बहना उत्सव योजना” के माध्यम से उन्हें न केवल अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने का अवसर मिला, बल्कि सीधे उपभोक्ताओं से जुड़कर उन्हें अपने उत्पाद की गुणवत्ता और मेहनत पर गर्व महसूस हो रहा है।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ० जी.एस. खाती, जिला विकास अधिकारी श्री दिनेश सिंह दिगारी, सहायक परियोजना निदेशक श्रीमती विमी जोशी, खंड विकास अधिकारी चंपावत श्री अशोक अधिकारी, डीपीएम-रिप श्री शुभंकर कुमार, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी श्री ध्रुव रावत, एडीआईओ-एनआईसी श्री अमित बूरा, जिला SWAN प्रभारी श्री हर्षित कुमार, श्री रजत पांडे एवं शुभम खर्कवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, समूहों की महिलाएं और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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